रविवार, 6 जनवरी 2013

इश्क....प्रेम....प्यार....



















इश्क....
प्रेम......
प्यार......

क्या समानता है इन तीनों में...???

तीनों में ही ढाई अक्षर हैं.....
पूरे-पूरे तीन  भी  नहीं...! 

दूसरे से हो रहे...
तो तीनों ही अधूरे हैं.....
और खुदा से हो जाये तो...
तीनों ही पूरे हैं....!!





8 टिप्‍पणियां:

  1. punam jee ... net kholte hi aapki kavita padfhi.. u have made a great explanation ... plz visit my blog also ... happy new tear

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  2. इन्ही से उपजती है भक्ति ...वह भी ढाई आखर ही हैं ....:)
    सुन्दर सोच ...!

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  3. वाह ... प्रेम को परिभाषित करती ...
    लाजवाब पंक्तियाँ ...

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  4. सच कहा आपने, हैं तो ढाई पर पूरे हैं।

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