शनिवार, 2 जून 2012

बहुत खामोश लम्हे हैं.......







हुत खामोश लम्हे हैं......मगर कुछ बात होती है 
कभी कहती अदा कुछ है....कभी नज़रों से होती है !

                                         वो तुझसे यूं ही मिल जाना...औ फिर मिल कर बिछ्ड जाना
                                        वो अश्कों का मचल जाना.........घड़ी मुश्किल वो होती है !         

तेरे आने की देता है...........खबर झोंका हवा का जब
महकते दिन मेरे और......... मुसकुराती रात होती है !

                                       तेरा कुछ यूं ही कह देना.....और फिर खामोश हो जाना
                                       मेरा यूं ही  समझ जाना..........खूबसूरत बात होती है  ! 

तेरे शाने पे रख कर सिर.........मुझे जब नींद आ जाए
कभी हम साथ होते तो........... कयामत साथ होती है !






19 टिप्‍पणियां:

  1. साथ हों तो क़यामत????
    ये हुई ना सच्ची मोहब्ब्त..................

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  2. unke aane ki khabar ho rahi hai....
    sitaron ab to zameen pe tum bhi utar aao...

    Poonam ji bahut khoob....

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  3. साथ हैं तो कयामत है, साथ नहीं तो कमायत का इन्तजार..

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  4. बहुत उम्दा ..... मन की पीड़ा लिए पंक्तियाँ

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  5. "तेरा कुछ यूँ ही कह देना,और फ़िर खामोश हो जाना...."

    वाह! कमाल के जज़्बात और कमाल की अदायगी।

    वाह!कमाल का अन्दाज़-ए-बयाँ। वाह।

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  6. उनका यूं ही कहना .. खुद का यूं ही समझ जाना ... सच में ये बात मुहब्बत भी तो होती है ... जो खूबसूरत ही होती है ..

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  7. बहुत खूबसूरत अहसास संजोती प्रस्तुति .....सुन्दर !

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  8. कविता की प्रत्येक पंक्ति में अत्यंत सुंदर भाव हैं.... !!

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  9. सुभानाल्लाह.....अब तो ग़ज़ल में भी अछे हाथ दिखाने लगी हो दीदी :-))

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