शनिवार, 3 सितंबर 2011

अधूरी तस्वीर......




कोने में पड़ी वो तस्वीर
जो तुमने बनायी थी कभी..
कितनी अकेली है !  
क्योंकि वह अधूरी है......!!
और
यही वास्तविकता है तुम्हारी !
तुम उसे पूरा नहीं कर सकते !!
क्योंकि-
तुम्हें तो ख्वाबों में
रंग भरने की आदत है,
तुम अपने ख्वाबों को
पूरा करने के लिए
एहसासों में जीते हो,
सारा समय उन्हें ही 
पूरा करने में
लगे रहे हो अब तक !
शब्दों को जीते हो हकीकत में,
और ख्वाबों में-
भावनाओं,एहसासों में खो जाते हो !
इसीलिए ख्वाबों की दुनिया
हकीकत नहीं हो पाई
अब तक तुम्हारी !
उस अधूरी तस्वीर की तरह
तुम्हारी हकीकत
आज भी अधूरी है !!
क्योंकि हर बार
तुम आगे बढ़ जाते हो
अपने ख्वाबों की दुनिया में
एहसासों को जीने के लिए,
उन्हें पूरा करने के लिए !
और हर बार तुम्हारा
ध्यान हट जाता है
अपनी ही हकीकत से
अपनी उस अधूरी तस्वीर की  तरह
जिसे तुम अभी तक
पूरा नहीं कर पाए हो !
और  इसीलिए
तुम छटपटाते भी हो कि
तुम्हारी हकीकत
तुम्हारे ख्वाबों की
पूर्णता क्यों नहीं बन पाती ??
प्रश्न खुद से करो तो सही होगा....!!!


9 टिप्‍पणियां:

  1. पूर्णता की प्यास ने कितना अपूर्ण रखा मुझे।

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  2. ्सोचने को मजबूर करती सुन्दर रचना।

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  3. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

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  4. हैट्स ऑफ........बहुत गहराई है पोस्ट में.......सच है सारी जिंदगी हम उसके पीछे भागते रहते हैं जो दूर होता है.....एक सपने के पीछे........इसमें अपने आस-पास घटती हकीक़त से महरूम ही रह जाते हैं.............बहुत पसंद आई ये पोस्ट|

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  5. बहुत अच्छा लिखा है जी ऐसे ही लिखते रहे

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