वाह वाह!शरीर हों साथपर मन न हो साथ..ऐसा साथ भी अजीब हैबहुत खूब.
अजीब से एहसासों से लिखी भावपूर्ण रचना ...मेरे ब्लॉग पर आने का शुक्रिया कृपया वर्ड वेरिफिकेशन हटा लें ...टिप्पणीकर्ता को सरलता होगी ...वर्ड वेरिफिकेशन हटाने के लिए डैशबोर्ड > सेटिंग्स > कमेंट्स > वर्ड वेरिफिकेशन को नो करें ..सेव करें ..बस हो गया .
संगीताजी ,बहुत बहुत धन्यवाद सुझाव के लिए,आपके निर्देशानुसार मैंने बदलाव कर लिया है,यदि कुछ और असुविधा हो तो कृपया मुझे निर्देश देती रहें. आपके सुझाव से लिखने में काफी सुविधा रहेगी.
रविजी,बस मन के भाव जो भाव हैं उन्हीं को सीधी-सरल भाषा में लिख डाला है.धन्यवाद..
Bahut khoob punamji.... Sach me yah ahsas bhi ajeeb hai....
सुन्दर अहसासों के साथ सुन्दर अभिव्यक्ति
सुन्दर अभिव्यक्ति !!
वाह !कितनी अच्छी रचना लिखी है आपने..! बहुत ही पसंद आई
ek khubsurat ahsaas se bhari rachna...
वाह वाह!
जवाब देंहटाएंशरीर हों साथ
पर मन न हो साथ..ऐसा साथ भी अजीब है
बहुत खूब.
अजीब से एहसासों से लिखी भावपूर्ण रचना ...मेरे ब्लॉग पर आने का शुक्रिया
जवाब देंहटाएंकृपया वर्ड वेरिफिकेशन हटा लें ...टिप्पणीकर्ता को सरलता होगी ...
वर्ड वेरिफिकेशन हटाने के लिए
डैशबोर्ड > सेटिंग्स > कमेंट्स > वर्ड वेरिफिकेशन को नो करें ..सेव करें ..बस हो गया .
संगीताजी ,बहुत बहुत धन्यवाद सुझाव के लिए,आपके निर्देशानुसार मैंने बदलाव कर लिया है,यदि कुछ और असुविधा हो तो कृपया मुझे निर्देश देती रहें. आपके सुझाव से लिखने में काफी सुविधा रहेगी.
जवाब देंहटाएंरविजी,बस मन के भाव जो भाव हैं उन्हीं को सीधी-सरल भाषा में लिख डाला है.धन्यवाद..
जवाब देंहटाएंBahut khoob punamji.... Sach me yah ahsas bhi ajeeb hai....
जवाब देंहटाएंसुन्दर अहसासों के साथ सुन्दर अभिव्यक्ति
जवाब देंहटाएंसुन्दर अभिव्यक्ति !!
जवाब देंहटाएंवाह !कितनी अच्छी रचना लिखी है आपने..! बहुत ही पसंद आई
जवाब देंहटाएंek khubsurat ahsaas se bhari rachna...
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