तुम्हारे लिए.........
तेरे आने का है इंतज़ार
मैंने तुझको पुकारा भी .
तू है सामने मेरे...
मैंने हाथ बढाया भी ,
पर ए खुदा !
मेरी लाख कोशिशों के बावजूद भी..
तू ये फासला न तय कर सका,
बढ़ने दीं तूने ही मुश्किलें....
हमारे दरम्यान ,
और खुद हाथ पर हाथ धरे बैठा रहा,
फिर भी मेरी कोशिशें जारी हैं
तुझ तक पहुँचने की ,
तू भले ही ना आये मुझ तक
लेकिन..............
एक न एक दिन
मैं ये फासला तय कर ही लूंगी !!!