रविवार, 26 मार्च 2017






जादू की है ये दुनिया दस्तूर हैं बदलते...
तुम हमसे नहीं मिलते हम तुमसे नहीं मिलते...!

ये इश्क़ मुहब्बत की बातें भी अजब होतीं...
चाँदी से भरी रातें साँसों में फूल खिलते...!

आहिस्ता करो बातें सुन ले न जमाना ये....
ख्वाबों में चले आना शब चाँद के निकलते...!

दुनिया बड़ी जालिम है मुँह मोड़ के हँसती है...
जब शम्मा दिखी रौशन परवाने दिखे जलते...!

आना तो कभी 'पूनम' इन महकी फिजाओं में...
यूँ तो हैं किताबों में लाखों गुलाब खिलते...!



***पूनम***
26 मार्च, 2016




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