शुक्रवार, 27 जनवरी 2017




हमारे ख्वाब में आना किसी का ख़ास रहता है..!
जो रहता दूर हम से शख्स वो ही पास रहता है..!

कहीं हम छोड़ आये थे हसीं पल जिंदगी के यूँ...

बिछड़ के भी न जाने क्यूँ सदा मधुमास रहता है...!

किसी की याद में खोना..किसी को हिज़्र में पाना...

कहूँ क्या..हर समय उसका ही बस आभास रहता है...!

बहुत दुनिया की रस्में हम निभाते आये हैं अब तक...

कभी तो मन की कर लें ये भी तो एहसास रहता है...!

किसी का लौट जाना भी भरम देता है 'पूनम' को...

कहीं भी जा रहे वो ज़िन्दगी की आस रहता है...!


***पूनम***


बुधवार, 11 जनवरी 2017



मुश्किलें ही मुश्किलें हैं...ग़म नहीं...
ज़िन्दगी में फिर भी खुशियाँ कम नहीं...!

तीरगी यूँ तो बहुत है राह में...
साथ मायूसी का पर आलम नहीं...!

दर्द मेरे दिल को रौशन कर गया...
याद तेरी साथ, तू हमदम नहीं...!

नाम को हैं साथ सब रिश्ते यहाँ...
दे रहे हैं साथ पर दमख़म नहीं...!

महफिलें गर हैं तो क्यूँ वीरानगी...
साथ तो सब हैं मगर 'पूनम' नहीं...!

***पूनम***