बुधवार, 22 जून 2016

हाल अपना बता नहीं सकते...





प्यार अपना छुपा नहीं सकते ...
हाल अपना बता नहीं सकते...!

याद हरदम तुम्हारी आती है...
फिर भी आँसू बहा नहीं सकते...!

ज़िन्दगी की उदास रातों में ...
दिल की शम्मा जला नहीं सकते...!

आप क्यूँ कर उदास होते हैं...
आप को हम रुला नहीं सकते...!

आप बेबात रूठ जाते हैं...
आपको हम मना नहीं सकते...!

इश्क़ की राह में बड़ी मुश्किल...
हमसफ़र हम बना नहीं सकते...!

रात रौशन हुई है 'पूनम 'से...
ये सितारे बुझा नहीं सकते...!


२८ जून,  २०१५ 

2 टिप्‍पणियां:

  1. आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शुक्रवार (24-06-2016) को "विहँसती है नवधरा" (चर्चा अंक-2383) पर भी होगी।
    --
    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
    --
    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
    --
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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    उत्तर
    1. बहुत बहुत धन्यवाद रूपचन्द्र जी
      अवश्य आती हूँ

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