गुरुवार, 5 मार्च 2015

होली.....हो ली......







लगा है रंग चेहरे पर, कि हर चेहरा संवर जाए...
सभी सूरत में अब मुझको, मेरा ईश्वर नज़र आए..!
अजब है रंग होली का, मेरे हमदम न पूछो तुम...
ये दिल करता है बस अब तो, जमाना यूँ ठहर जाए...!!


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गुलाबी गाल होली में, शराबी चाल होली में..
सभी पागल हुए हैं यूँ, बुरा है हाल होली में..!
नहीं कोई यहाँ भोला, सभी शातिर खिलाड़ी हैं..
चलेंगे दाँव ऐसा के, मचे भूचाल होली में..!!


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आज सजा है मंच चलो मिल खेलें होली...
खूब पियेंगे भंग चलो मिल खेलें होली....!!
नैनों के है बाण और शब्दों की गोली...

अजब सभी के ढंग चलो मिल खेलें होली...!!



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शब्दों के हैं बाण औ, अँखियाँ बनी कटार...
रंगों की बौछार है, मार सके तो मार....!!





  • ***पूनम ***
  • ०५/०३/२०१५



1 टिप्पणी:

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