ज़िन्दगी मिल गयी...जीना तो अभी बाकी है....
बहुत हैं क़र्ज़...उतरना तो अभी बाकी है....!
किसी भी हद से गुज़र जाए इंसान मगर...
मौत की हद से गुज़ारना तो अभी बाकी है...!
खुश रहे तू..मेरे हमदम..मेरे दिलदार... सनम...
आइना दिल है...उतरना तो अभी बाकी है...!
है मुहब्बत तो मुझे खुल के क्यूँ नहीं कहता...
झुकी है मेरी नज़र...इसमें शर्म बाकी है...!
मेरी वफाओं का तेरी नज़र में मोल नहीं....
हो अदावत तेरी जानिब वो ख़ला बाकी है...!
***पूनम***
बस अभी अभी....