मंगलवार, 11 जून 2013

नक़ाब.....





अपने चेहरे से हटा दे तू अब ये दोहरे नक़ाब...
इनसे महफूज़ तेरी फितरत न बदल पाएगी..!
मैंने कब था कहा...'तू मुझको संवार जालिम...'
तू सुधर जाय तो किस्मत भी संवर जायेगी..!!

***पूनम***
बस अभी अभी...


12 टिप्‍पणियां:

  1. तू सुधार जाय तो किस्मत भी संवर जायेगी..!!--बहुत सुन्दर !\
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  2. बहुत खूब .. तू जो संवर जाए तो किस्मत संवर जाएगी ...
    लाजवाब ....

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  3. बहुत सच कहा, जैसे हैं, वैसे दिखें।

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  4. आपकी यह प्रस्तुति कल चर्चा मंच पर है
    धन्यवाद

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