मंगलवार, 14 मई 2013

मदारी .....








मदारी कुछ भी नहीं...
बिना जम्हूरे के...!
ये अलग बात है...
दिखाई यही देता है कि...
सारा खेल मदारी के हाथ है......!
लेकिन जब ज्यादा होशियार हो जाये जम्हूरा...
तो मदारी की खैर नहीं...!
सारे गुर और अंदाज़ के साथ..
एक नया मदारी करतब दिखने को तैयार है...
नया जम्हूरा बनने को तो 
कई लोग तैयार हैं..!
उन्हें पता है...
इस मदारी के जाते ही उनका नंबर आने वाला है....
और फिर उन्हीं के हाथों..
यही खेल नए सिरे से चलने वाला है....!



2 टिप्‍पणियां:


  1. बढ़िया प्रस्तुति !
    डैश बोर्ड पर पाता हूँ आपकी रचना, अनुशरण कर ब्लॉग को
    अनुशरण कर मेरे ब्लॉग को अनुभव करे मेरी अनुभूति को
    latest post हे ! भारत के मातायों
    latest postअनुभूति : क्षणिकाएं

    जवाब देंहटाएं