सोमवार, 8 अप्रैल 2013

परिचय........





वो पूछते हैं....
मुझसे मेरा परिचय....!
क्या बताऊँ मैं ?
पहले खुद भी तो पा लूं...!
अभी तक तो 
दूसरों से सुन कर ही जाना 
जिसने भी जिस नाम से पुकारा
मैं ने उसे ही अपना परिचय माना...!
फिर कुछ समय बाद लगा
नहीं.....
मैं ये नहीं हूँ...
कुछ और ही हूँ...!!
और तभी से खोज जारी है...
खुद को खोजने की...!
अपना परिचय पाने की...!
शायद कुछ हासिल हो सके...
ये मुसलसल दौड़...
कहीं तो रुक सके....!
मैं किसी के दिए नाम से 
अपना परिचय नहीं दे सकती...
अपनी पहचान को 
किसी की पहचान के साथ भी
नहीं जोड़ सकती...!
तुम्हें भी इंतज़ार करना होगा...
मेरे ही साथ तब तक...!
मैं तब ही दे सकूँगी तुम्हें...
अपना वास्तविक परिचय...
जब मैं खुद अपना परिचय 
खुद से कर पाऊँगी....!
तुम इंतज़ार करोगे न.....??
बोलो..........!!!

***पूनम***
बस अभी अभी....
क्यूँ कि 
इससे पहले 
कभी सोचा ही नहीं....!!





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