मंगलवार, 3 अप्रैल 2012

रात यूँ महकी.......








                             चाँद यूँ चमका सितारों ने रौशनी खो दी,
                             रात यूँ  महकी  हवा  चुपचाप सो गयी !

                             दूर था फिर कैसे पास वो आ गया मेरे,
                             कुछ अलग सी थी मगर ये बात हो गयी !

                             चलते चलते राह में कुछ छोड़ आये थे,
                             फिर उसी बाबत ये मुलाकात हो गयी !

                             हम समझते थे कि तू आयेगा इस तरफ,
                             जाने कैसे उस तरफ मेरी राह मुड़ गयी !    

                             दिल जला कुछ इस तरह रौशन हुई शम्मा,
                             हाँ...! उसी दिल से ये रौशन रात  हो गयी !

13 टिप्‍पणियां:

  1. वाह..............

    चलते चलते राह में कुछ छोड़ आये थे..
    फिर उसी बाबत ये मुलाक़ात हो गयी...

    बहुत सुन्दर पूनम जी......

    जवाब देंहटाएं
  2. दिल में रोशनी होने से सारे जहाँ चमकने लगता है।

    जवाब देंहटाएं
  3. रातें यूँ ही रोशन होती रहे

    जवाब देंहटाएं
  4. बहुत खूबसूरत रचना
    बिम्ब खूबसूरत

    जवाब देंहटाएं
  5. बहुत ही सुन्दर
    गहन भाव की अभिव्यक्ति...
    सुन्दर प्रस्तुति....

    जवाब देंहटाएं
  6. .....खूबसूरत रचना


    संजय भास्कर
    आदत....मुस्कुराने की
    http://sanjaybhaskar.blogspot.com

    जवाब देंहटाएं
  7. sundar rachana..achaal lagaa padhkar..dher saari daad kabool karen..

    जवाब देंहटाएं
  8. बहुत खूबसूरत लगी पोस्ट....शानदार।

    जवाब देंहटाएं