तेरा एहसास, तेरा प्यार इसमें शामिल था...
तू भूल जाये भी तो मैं न भुला पाऊँगी !
मेरी वफ़ा को मिली तेरी बेवफाई यूँ...
खुदा मुआफ भी कर दे मैं न कर पाऊँगी !
तुझे न होगा इल्म अब तलक किया क्या है...
गुनाह तेरे मैं दुनिया से यूँ छुपाऊँगी !
मेरी हसरत है के देखूं कभी मैं दिन वो भी...
तुझे उम्मीदे वफ़ा हो...मैं मुकर जाऊँगी !
खुदा करे कि तू चाहे......ओ टूट कर चाहे...
नज़र मिली भी कभी तो मैं पलट जाऊँगी !
२६-०३-२०१२