रविवार, 19 फ़रवरी 2012

ख्वाहिश..........





    

     दूर रह के भी वो हसरत से हमें देखते हैं
    पास से देखने को भी वो गुनाह कहते हैं..!

                                   हम खुद भी रहें परदे में....तो क्या होता है
                                   देखने वाले....क़यामत की नज़र रखते हैं..!

     दिल में होगी जो मुहब्बत.....वो हमें ढूँढेंगे
     उनके एतबार का हम भी तो भरम रखते हैं..!

                                   कभी मिल जाएँ वो हमें यूँ ही....राहों में कभी 
                                   उनकी राहों पर यूँ हम भी तो नज़र रखते हैं..!

     चाहते हम भी है...वो हमसे मिले...खूब मिले
     ख्वाहिशों पर मेरी वो भी तो नज़र रखते हैं..!


25 टिप्‍पणियां:

  1. कभी मिल जाएँ वो हमें यूँ ही....राहों में कभी
    उनकी राहों पर यूँ हम भी तो नज़र रखते हैं..!

    Khoob Kaha...Bahut sunder panktiyan

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  2. शिवरात्रि की शुभकामना ... सुन्दर पोस्ट के लिए बधाई

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  3. वाह, बहुत ही सशक्त, दूर और पास के बीच सिमटा जीवन..

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  4. nazar bhale hee rakhte raho
    dil ko yun hee dilaasaa dete raho
    magar bhram mai naa raho
    jo hai usee mein khush raho

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  5. बस यूं ही प्यार किया था उनको,
    यूं ही बस प्यार करते रहे |
    'बस यूं ही' जब बेबस बनता गया,
    बेबसी का शिकार होने लगे |

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  6. बहुत खूब ... ये प्यार का एहसास ही होता है जो ऐसे भरम में जिन्दा रखता है ...

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  7. आप ने चर्चा मंच पर मुझे शामिल किया..!
    धन्यवाद....!!

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  8. दिल में होगी जो मुहब्बत.....वो हमें ढूँढेंगे
    उनके एतबार का हम भी तो भरम रखते हैं..!

    वाह पूनम जी...
    बेहतरीन गज़ल के लिए दाद हाज़िर है..

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  9. बढ़िया ग़ज़ल .सभी अश आर काबिले दाद .

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  10. सुभानाल्लाह.......ताड़ने वाले क़यामत की नज़र रखते हैं ।

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  11. वाह! वाह! बहुत सुन्दर...
    सादर बधाईयां...

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  12. bahut sunder...khawhishoon per hamari wo bhi to nazar rakhtey hain....

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  13. दिल में होगी जो मोहब्बत वो हमें ढूँढेंगे ....वाह क्या गज़ब का भरोसा है!!

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