सोमवार, 24 अक्टूबर 2011

दीपावली की शुभ-कामनाएं.....

कुछ ऐसा महसूस किया अपने इर्द-गिर्द
कि ये टूटी-फूटी पंक्तियाँ लिखा गया कोई....
समाज के संस्कारों की दुहाई देने वाला जब
खुद ही उन को न माने तो, क्या करे कोई.....??


कामनाएं........


जो खुद को समझते हैं बुद्धिमान और ज्ञानी !
वो दूसरों को साधारण इंसान भी नहीं समझते हैं !!

उनके लिए अपनी बातें,अपने विचार ही सबसे ऊपर होते हैं !
वो आम इंसान के विचारों को क्षुद्र समझ कर हंसते हैं !!

क्या हुआ जो समाज और संसार उनके विचार से मेल नहीं खाता ?
वे खुद भी तो तमाम लोगों की सोचों से मेल नहीं खाते हैं !!

वो हंसते रहते हैं बस दूसरों की बातों पर !
लेकिन बर्दाश्त नहीं होता जब दूसरे उनपे हंसते हैं !!

कभी नज़र जो खुद पे डालें तो गज़ब हो जाए !
या खुदा! तेरा  करम कभी तो हम इंसानों पर भी हो जाये...!!

10 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत बढ़िया सार्थक प्रस्तुति
    दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं

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  2. दीपोत्सव की हार्दिक शुभकामनाएं ......

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  3. बहुत सुन्दर लगी पोस्ट.......आपको और आपके प्रियजनों को भी दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें|

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  4. बहुत सुन्दर...दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें!

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  5. या खुदा ! तेरा हम पर भी कर्म हो जाये.
    आपकी प्रस्तुति बहुत गहरी ओर पैनी है.
    खुद का अवलोकन कर रहा हूँ,पूनम जी.

    आपके व आपके समस्त परिवार के स्वास्थ्य की
    सुख समृद्धि की मंगलकामना करता हूँ.मेरी दुआ है कि
    अपने सुन्दर सद् लेखन से आप ब्लॉग जगत को हमेशा
    हमेशा आलोकित करती रहें.

    दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएँ.

    मेरे ब्लॉग पर आपका इंतजार है,

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  6. बहुत अच्छी रचना,आपको सपरिवार दीपावली व नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ।

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