रविवार, 28 जून 2015

जाना कहाँ है........



अभी हम ने जहाँ देखा कहाँ है..
तेरे पहलू में दिल होता कहाँ है..!

तुम्हें हम याद करते ही रहे हैं..
तुम्हें हम याद हों ऐसा कहाँ है..!

कभी उस आँख में बस हम बसे थे..
मगर वो शख्स अब मेरा कहाँ है..!

हमारा दिल है तेरा आशियाना..
मगर अब तू यहाँ रहता कहाँ है..!

कभी आओ हमारे पास गर तुम..
यहीं रह जाओ अब जाना कहाँ है..!