बुधवार, 16 मई 2012





तस्वीरें...........

लोग न जाने क्यूँ 
हर व्यक्ति,
हर संबंध को....
अपनी तरह से 
खुद ही लेने लगते हैं... 
किसी भी शख्स को 
उसी की तरह 
रहने ही नहीं देते हैं !
वो अपने ख्वाबों में 
हर इंसान की 
अपनी ही तरह सोची हुई
एक अजीब सी ...
एक मनचाही सी 
तस्वीर बना लेते हैं खुद ही...
और फिर जीने लगते हैं 
उसी तस्वीर के साथ !
कभी एक तस्वीर 
उनके दुख में 
उनके आँसू पोंछती है
चुपके से.......
और कभी दूसरी तस्वीर 
उनकी खुशी में 
उनके साथ खिलखिलाती है !
कभी कोई और ही तस्वीर 
उनके अहं को भी 
चुपके से बढ़ावा दे जाती है
और कभी कोई दूसरी तस्वीर
उनसे ही प्यार का इज़हार 
कर जाती है  चोरी से....
एक अजीब सिहरन सी 
दे जाती है चुपके-चुपके ! 
और कभी-कभी
कोई तस्वीर आ कर 
अपनी गोद में लिटा कर   
थपकियाँ भी दे जाती है...
अकेली सुनसान रातों में ,
वही sleeping pills सा 
काम भी कर जाती है  !
अरे हाँ  !!
मैंने आपसे तो पूछा ही नहीं.......
आपके पास इनमें से 
कौन सी तस्वीर है .......??


***पूनम***


शनिवार, 12 मई 2012





पूज्य गुरुजी......
श्री श्री रविशंकर जी के जन्मदिन पर हार्दिक बधाई ......




मैं क्या हूँ ....
कुछ भी तो नहीं
जो हूँ.....
बस तुम हो !
तुम कहते हो मुझसे...
और तुम ही सुनते हो  !
तुम ही हँसते हो मुझमें...
और तुम ही रोते भी हो !
जब खिलखिलाती हूँ मैं 
सुबह की धूप से खिल जाते हो,
मेरे ही चारों तरफ....!
दूर जाती भी हूँ कभी तुमसे जो मैं
मुझे फिर वापस ले आते हो,
तुम अपनी ही तरफ...!
मेरी आँखों की चमक में 
बसे रहते हो तुम हर वक़्त !
मुस्कराहटों में भी...
छिपे रहते हो तुम हर वक़्त !
गुनगुनाती हूँ जब भी....
बांसुरी से बज उठते हो !
मेरे गीतों में.....
मेरे साथ -साथ गाते हो !
प्रार्थनाओं में मेरी....
तुम ही तो मुसकुराते हो....!!

सोमवार, 7 मई 2012

"प्रेम गली अति साँकरी......"






"प्रेम गली अति साँकरी......"


हाँ....!!
प्रेम की गली ही होती है
जिसमें चलते-चलते 
चलने वाला गुम हो जाता है..!
और ज्ञान मार्ग पर चलने वाला 
चलता ही जाता है....
किसी मंजिल के इंतज़ार में...
किसी निष्कर्ष को पाने की चाह में...!
फिर भी मार्ग ख़त्म नहीं होता
हाँ ......
गली चलते-चलते कहीं न कहीं 
गुम ज़रूर हो जाती है..!!
शायद इसीलिए 
ज्ञानियों के इतिहास के पन्नों से 
उनको प्रेम करने वालों के 
नाम नदारत हैं............!!